Monday, December 8, 2008

कबूतर






वो देखो बैठा छज्जे पर कबूतर ,
जाने क्या गा रहा है वः गुटर - गुटर ।
कुछ बात है अलग उसकी हस्ती में ,
झूम रहा अकेला ही वः मस्ती में ।
अभी चोंच से पर खुजलाता
कभी घूम कर अदा दिखलाता ,
उड़ने को तो बेचैन है प्यारा ,
पर किसी कारण उड़ नहीं पता ।
बार - बार मारता चोंच कट - कट ,
फ़िर उड़ने की आशा से ,
हिलाता अपने पर झट - पट ।

देखो आख़िर हुआ सफल वो ,
उड़ चला नीले अम्बर को ।
कुछ दूर तक तो दिया दिखाई ,
फ़िर याद कभी न उसकी आई ।
कुछ बात थी अलग उसकी हस्ती में ,
झूमता था अकेला ही वः मस्ती में ।

8 comments:

डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह said...

achhi kavita bhai,ummeed hai nirantar likhte rahenge .
My best wishes
dr.bhoopendra

shama said...

Swagat hai shubhkamnayon sahit !Mere blogpe aaneka snehil nimantranbhi..!
Abhi to sirf ek rachna padhi aur bha gayi...ab kuchh aur padhne jaa rahee hun...
Pls ye word verification hata den..!

Prakash Badal said...

swaagat hai aapakaa

दिगम्बर नासवा said...

आप की सोच और उसे कलम-बध करने की कला अच्छी है
भावों को शब्दों में पिरोते रहिये, लिखते रहिये

संगीता पुरी said...

आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

ज्योत्स्ना पाण्डेय said...

चिट्ठाजगत में आपका हार्दिक स्वागत है
रचना पर टिपण्णी उसे पढ़ने के बाद दूँगी , शुभ-कामनाएं

मेरा ब्लाग आपकी टिपण्णी-सज्जा के लिए आतुर है कृप्या एक बार अवश्य पधारें

प्रवीण त्रिवेदी said...

हिन्दी ब्लॉग जगत में प्रवेश करने पर आप बधाई के पात्र हैं / आशा है की आप किसी न किसी रूप में मातृभाषा हिन्दी की श्री-वृद्धि में अपना योगदान करते रहेंगे!!!
इच्छा है कि आपका यह ब्लॉग सफलता की नई-नई ऊँचाइयों को छुए!!!!
स्वागतम्!
लिखिए, खूब लिखिए!!!!!


प्राइमरी का मास्टर का पीछा करें

Manoj Kumar Soni said...

बहुत ... बहुत .. बहुत अच्छा लिखा है
हिन्दी चिठ्ठा विश्व में स्वागत है
टेम्पलेट अच्छा चुना है
कृपया वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दें .(हटाने के लिये देखे http://www.ucohindi.co.nr )
कृपया मेरा भी ब्लाग देखे और टिप्पणी दे
http://www.ucohindi.co.nr